“आपका ही था सबको इन्तजार”

2019-06-30T07:59:48+00:00

आइये आज आपको अविभाजित भारत के ऐतिहासिक 'मंटो पार्क लाहौर' लिऐ चलते हैं, जहां मौसिकी की दुनिया में "मोहम्मद रफ़ी" नाम का एक ऐसा आफ़ताब ज़लवा अफ़रोज़ होने जा रहा है जिसकी मख़मली आवाज़ का जलवा रहती दुनिया तक रहने वाला है। इस ऐतिहासिक दिन की तारीख है 25 दिसंबर, सन् 1937 और दिन है शनिवार। लाहौर शहर में आज सुबह से ही चारों तरफ जबरदस्त हलचल नजर आ रही है। सब तरफ बैनर, पोस्टर लगे हुए हैं। सबका रुख शहर के मशहूर मंटो पार्क की तरफ है। हो भी क्यों न ! आज हिंदुस्तान के नामी-गिरामी सिंगर-एक्टर 'कुंदनलाल सहगल' आल इंडिया एक्ज़ीबीशन के तहत "व्य्हेरायटी थियेटर कलकत्ता" के बैनर तले अपना जलवा बिखेरने के लिए लाहौर जो आ रहे हैं। आज की महफिल में एक से बढ़कर एक मशहूर सितारों के साथ बनारस की सिध्देश्वरी बाई, ज़ोहराबाई अंबालेवाली और दिलीप चन्द बेदी भी अपना ज़लवा बिखेरने आ रहे हैं। मैदान में चारों तरफ से संगीत प्रेमियों का सैलाब सा उमड़ रहा है। कई एकड़ों में फैला मंटो पार्क पूरी तरह से फुल हो चुका है। आगे की सफ़ में हिंदोस्तां के नामी-गिरामी हस्तियां भी तशरीफ़ फरमां होकर महफिल की शान बढ़ा रही हैं। मैदान में अब तो पैर रखने की भी जगह नहीं बची है। भीड़ के साथ एक कोने में बैठे 13 साल के बालक सहगल जैसा सिंगर बनने की हसरत लिये 'फ़ीको'